महिला ने खेत में दिया बच्चे को जन्म, जनसेवी भावना पांडे ने स्वास्थ्य सुविधाओं पर उठाए सवाल
देहरादून। वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी, प्रसिद्ध जनसेवी एवँ जनता कैबिनेट पार्टी (जेसीपी) की केंद्रीय अध्यक्ष भावना पांडे ने उत्तराखंड में स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली को लेकर एकबार फिर सवाल खड़े किये हैं। उन्होंने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा व प्रदेश के दुर्गम पहाड़ी इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की।
जेसीपी अध्यक्ष भावना पांडे ने कहा कि उत्तराखंड को अलग राज्य बने लगभग 22 वर्षों का समय व्यतीत हो चुका है किंतु अभीतक राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार नहीं हो पाया है। ये बड़े ही दुर्भाग्य की बात है कि आज भी बीमारियों के उपचार के लिए प्रदेशवासियों को तरसना पड़ रहा है।
उत्तराखंड की बेटी भावना पांडे ने प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं की दुर्दशा पर दुःख प्रकट किया। उन्होंने इसके लिये राज्य सरकार को पूरी जिम्मेदार ठहराते हुए प्रश्न किया कि आखिर कब पहाड़ों में स्वास्थ्य सुविधाएं दुरुस्त होंगी और कब आमजन की तकलीफों की सुध लेगी सरकार।
वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने पहाड़ के लोगों की तकलीफों को बयां करते हुए कहा कि उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल है, जिस वजह से पहाड़ के लोगों को बेहद मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। यहाँ हर साल सैकड़ों लोग स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में गंभीर बीमारियों के शिकार हो जाते हैं एवं कईं लोग तड़पकर काल के गाल में समा जाते हैं। इसके बावजूद भी सरकार अभी तक पहाड़ों के दूरस्थ इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं पहुंचा पाई है और पहाड़ों में जहाँ स्वास्थ्य केंद्र हैं भी तो उनकी हालत बहुत दयनीय है।
उन्होंने ताज़ा घटना का ज़िक्र करते हुए कहा कि पिथौरागढ़ के मुनस्यारी की ग्राम पंचायत पातों में हेलिकॉप्टर के समय पर नहीं पहुंचने से महिला ने खेत में ही बच्चे को जन्म दे दिया। प्रसव के करीब दो घंटे बाद हेलिकॉप्टर मेडिकल टीम के साथ पहुंचा। जांच के बाद टीम ने नवजात को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद हेलिकॉप्टर महिला को लेकर पिथौरागढ़ अस्पताल पहुंचा, जहां महिला का इलाज चल रहा है। महिला के परिजनों ने बताया कि गर्भ में बच्चा उल्टा फंस गया था जिसे मुश्किल से निकाला गया। काफी इंतज़ार करने पर करीब दो घंटे बाद हेलिकॉप्टर मेडिकल टीम के साथ मौके पर पहुंचा। अगर हेलिकॉप्टर समय पर पहुंच जाता तो नवजात की जान बच जाती। वहीं घटना का खुलासा होने पर अब अधिकारी मामले की लीपापोती में जुट गए हैं।
जेसीपी अध्यक्ष भावना पांडेय ने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं में लापरवाही का ये पहला मामला नहीं है, हाल ही में इससे पूर्व भी राज्य में एक ऐसी ही घटना घटित हो चुकी है, उत्तरकाशी के पुरोला में मोरी के आराकोट गांव की गर्भवती महिला मीनाक्षी प्रसव कराने अपने मायके पुरोला गांव आई थी। जहां सुबह-सुबह मीनाक्षी को प्रसव पीड़ा हुई। परिजनों द्वारा किसी तरह उसे अस्पताल ले जाने का प्रबंध किया गया किन्तु सही समय पर उपचार न मिल पाने की वजह से महिला ने रास्ते में ही बच्चे को जन्म दे दिया था।
उन्होंने कहा कि महिला के परिजनों ने एंबुलेंस को भी फोन किया था किन्तु एंबुलेंस के नहीं पहुंचने पर परिजन गर्भवती को लेकर पैदल ही अस्पताल के लिए निकल गए। गांव से अस्पताल दूर है। इससे पहले की महिला अस्पताल पहुंचती, उसने पुरोला बाजार के निकट अस्पताल के संपर्क मार्ग पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। मार्ग पर दर्द से कराहती महिला को आसपास की अन्य महिलाओं ने चारों तरफ से कपड़ों से ढककर प्रसव कराया।
उन्होंने मुख्यमंत्री धामी एवं स्वास्थ्य मंत्री से मांग करते हुए कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करने के लिए तत्काल उचित कदम उठाए जाएं। जिससे उत्तराखंड की आम जनता को इलाज के लिए परेशान न होना पड़े।