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मध्य प्रदेश में बारिश से बाढ़ जैसे हालात

भोपाल। देश के बीच में बसे मध्य प्रदेश में पिछले दो दिनों से हो रही भारी बारिश की वजह से कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गये हैं। रीवा जिले में टमस नदी में फंसे तीन लोगों को 24 घंटे बाद सेना के हेलिकॉप्टर से बचा लिया गया। बुधवार शाम नदी में अचानक पानी बढ़ गया था। जान बचाने के लिए सात लोग पेड़ पर चढ़ गए और किसी तरह रात गुजारी।

गुरुवार सुबह चार लोग तैरकर बाहर निकल गए। तीन वहीं फंसे रहे। उन्हें मोटर बोट से बचाने की कोशिश की गई लेकिन वह भी बह गई। शाम को सेना ने उन्हें हेलिकॉप्टर से बाहर निकाला। रीवा में सेल्फी के चक्कर में पांच लड़के, जबकि भिंड में भी बाढ़ के पानी में दो युवक बह गए। एमपी के अलावा उत्तराखंड और असम में भी बारिश ने काफी तबाही मचाई है। लाखों लोग प्रभावित हुए हैं। कई रास्ते बंद होने से गांवों का संपर्क भी टूट चुका है्

एमपी में कई जगह नदियां उफान पर होने से ट्रैफिक थम गया है। सैकड़ों गांव शहरों से अलग-थलग पड़ गए हैं। जबलपुर, सतना और सागर जिलों हालत सबसे ज्यादा खराब हैं। यहां सेना बुलानी पड़ी।
श्योपुर में पार्वती नदी पर पुल के ऊपर पानी बहने से कोटा (राजस्थान) को जोड़ने वाला रास्ता बंद हो गया है। एमपी की तरह उत्तराखंड और असम के कई जिलों में भी लाखों लोग बारिश से प्रभावित हुए हैं।

टमस नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने से यहां सात लोग बह गए। जान बचाने के लिए वे पेढ़ पर चढ़ गए। सारी रात वहीं लटके रहे। अगले दिन चार लोग तैरकर बाहर निकल आए। शाम पांच बजे के करीब बरेली से सेना का हेलिकॉप्टर पहुंचा और तीन लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।

इसके अलावा चंबल नदी के बरही घाट पर पिकनिक मनाने गए शहर के नौ युवकों में से तीन तेज बहाव में बह गए। इनमें से एक को तो उसके साथियों ने बचा लिया, लेकिन दो डूब गए। देर रात तक तलाश जारी थी। इसी प्रकार लहार में घर के बाहर गड्ढे में भरे बारिश के पानी में डूबने एक साल के एक बच्चे की मौत हो गई।

वहीं टीकमगढ़ में तेज बारिश ने पांच जोड़ों के सात फेरे रोक दिए। पांचों की बारातें धसान नदी के किनारों पर खड़ी रही। नदी के उफान पर होने से तय मुहूर्त में बारात हीं पहुंच सकी। इससे पांचों की शादी अगले मुहूर्त तक टाल दी गई। धसान नदी के पुल के दोनाें ओर गाड़ियों की लंबी कतारें लगी रही।

बहरहाल मध्य प्रदेश में अभी बारिश और बाढ़ के हालात सुधरते नजर नहीं आ रहे हैं। इस वजह से स्थापना

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