हिमाचल में दिखायी दे रहा ऐसा नजारा, जानकर रह जायेंगे हैरान
शिमला। हिमाचल प्रदेश में इन दिनों एक हैरान कर देने वाला नजारा देखने को मिल रहा है। दरअसल हिमाचल प्रदेश में जगह-जगह ऐसे डस्टबिन रखवाए गए हैं, जिन पर बीजेपी के स्थानीय नेताओं, राज्य के कैबिनेट मंत्रियों और विधायकों का नाम लिखा है। इस कदम पर विपक्षी कांग्रेस के साथ-साथ बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने भी कड़ी आपत्ति जताई है। जानकारी के मुताबिक, ये डस्टबिन पेयर में लगाए गए हैं। इनमें गीले और सूखे कचरे के लिए अलग-अलग डस्टबिन है। इन पर स्वच्छ भारत के साथ-साथ केंद्र और हिमाचल सरकार का संयुक्त उपक्रम व अन्य संस्थानों की जिक्र भी किया गया है। इनके अलावा पूरे राज्य में लगे डस्टबिन पर बीजेपी नेताओं के नाम भी लिखे हैं, जो चर्चा का विषय बना हुआ है।
कांगड़ा के कांग्रेस विधायक पवन कुमार काजल ने बताया, ‘‘अब डस्टबिन पर निर्वाचित नेताओं के नाम लिखे जा रहे हैं। मेरे चुनाव क्षेत्र में लगे डस्टबिन पर कांगड़ा के सांसद शांता कुमार का नाम लिखा है। 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान जिन क्षेत्रों में बीजेपी प्रत्याशी हार गए थे, वहां बीजेपी सांसद का नाम लिखा गया है।’’ बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने राज्य की चारों सीटों पर जीत दर्ज की थी।
काजल ने कहा, ‘‘यह खुलेआम लोकतंत्र की हत्या का मामला है। निर्वाचित प्रतिनिधि का नाम डस्टबिन पर नहीं होना चाहिए। कल वे चाहेंगे कि उनका नाम श्मशान घाट पर भी लिखा जाए, लेकिन मैं इसे बहादुरी का काम नहीं मानता। कल जब हमारी सरकार बनेगी और इस तरह का कोई प्रोजेक्ट लॉन्च होता है तो मैं कभी भी अपना नाम डस्टबिन पर नहीं लिखवाऊंगा। फिलहाल हिमाचल में डस्टबिन से कूड़ा हटाने की व्यवस्था नहीं की गई है।’’
बीजेपी सांसद शांता कुमार ने कहा, ‘‘जब मैंने अपना नाम डस्टबिन पर लिखा देखा तो काफी नाराज हुआ। मैंने अपना नाम डस्टबिन से हटाने का निर्देश दिया है। मैं अपना नाम देखकर बहुत परेशान हो गया और मैंने कहा कि बेशक मुझसे पैसे ले लो, लेकिन मेरा नाम डस्टबिन पर से हटाओ।’’ उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘‘यह काम करने से पहले मुझे नहीं बताया गया था। कुछ नेताओं ने यह योजना बनाई और डस्टबिन पर नाम लिखवा दिए। पता नहीं ऊपर से किसी से करवाया, लेकिन यह गलत प्लानिंग है।’’
शांता कुमार ने कहा, ‘‘मैंने प्रशासन को कहा था कि इन डस्टबिन का सही इस्तेमाल किया जाए, क्योंकि इन पर काफी पैसा खर्च हुआ है। इस पैसे का इस्तेमाल बेहतर तरीके से किया जा सकता था।’’ उन्होंने माना कि सफाई को लेकर शुरू की गई पहल अच्छी है, लेकिन इसके परिणाम नहीं मिल रहे हैं।
ऊना से कांग्रेस विधायक सतपाल सिंह रायजादा ने कहा, ‘‘यदि बीजेपी सोचती है कि डस्टबिन पर उसके नेताओं के नाम लिखवाने से उसे फायदा मिलेगा तो ऐसा नहीं होगा। राज्य में डस्टबिन से कूड़ा साफ करने की व्यवस्था ही नहीं की गई है। वे डस्टबिन पर भी राजनीति कर रहे हैं और लोग इसका मजाक उड़ा रहे हैं। किसी अच्छी जगह पर नाम हो तो बात अलग है। इन डस्टबिन को 5-6 महीने पहले लगाने का काम शुरू किया गया था, लेकिन इनसे कूड़ा हटाने की व्यवस्था अब तक नहीं की गई है।’’