बड़े पर्दे पर धूम मचा रही है रितिक और टाइगर की फ़िल्म ‘वॉर’
मुंबई। जबरदस्त एक्शन से भरपूर रितिक रौशन और टाइगर श्रॉफ की फ़िल्म ”वॉर’ सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। इसे ऐक्शन से लबरेज सप्ताह कहना गलत न होगा। इस सप्ताह दर्शकों को दो बड़े बजट वाली ऐक्शन फिल्मों को देखने का मौका मिल रहा है। तकरीबन ढाई सौ करोड़ की ‘सई रा नरसिम्हा रेड्डी’ के साथ करीब दो सौ करोड़ के बजट वाली ऐक्शन मूवी ‘वॉर’ भी प्रदर्शित हुई है। एक ही फ्रेम में जब रितिक रोशन और टाइगर श्रॉफ जैसे दो हैंडसम मसल मैन हों, तो जांबाजी के साथ ऐक्शन लेकर उम्मीदें आसमान छूना लाजमी है।
इसमें कोई शक नहीं कि रितिक और टाइगर ने ऐक्शन के मामले में अब तक का अपना बेस्ट दिया है। हां अगर कहानी दमदार होती,तो किसी भी हॉलिवुड की फिल्म को टक्कर देने में समर्थ रहती।
कहानी है सीक्रेट सोल्जर कबीर (रितिक रोशन) की, जो देश को अपनी जान से भी ज्यादा मानता है। अपने सिर से अपने पिता द्वारा की गई गद्दारी के पाप को धोने के लिए खालिद (टाइगर श्रॉफ) कबीर के अंडर ट्रेनिंग लेकर देशभक्ति की मिसाल कायम करना चाहता है। उसकी इस पहल में उसका चीफ (आशुतोष राणा ) और उसकी अम्मी (सोनी राजदान) उसे हिम्मत देते हैं। कबीर उसे अपने एक सीक्रेट मिशन में शामिल कर लेता है, जहां उन्हें देश के दुश्मन इल्यासी को जिंदा पकड़ना है। अपनी ही टीम के एक सिपाही के विश्वासघात के बाद कबीर का मिशन फेल हो जाता है और उसके बाद कबीर इल्यासी को पकड़ने के लिए दूसरा जाल बुनता है।
वह डांसर नैना (वाणी कपूर) को सिविलियन असेट बनाकर अपने मिशन में शामिल करता है, मगर तभी कुछ ऐसा घटित होता है कि कबीर अपने देश के अधिकारियों का सिलसिलेवार कत्ल करने लगता है। कल तक आर्मी के लिए नायक रहे कबीर की ये करतूत उसे खलनायक बना देती है। देश पर जान कुर्बान करने पर आमादा कबीर अचानक देश का दुश्मन क्यों बन बैठा? इसका पता लगाने के लिए खालिद को नियुक्त किया जाता है। खालिद जब कबीर की जांच-पड़ताल करता है, तो कई ऐसे राज फाश होते हैं, जिनके बारे में किसी ने कल्पना भी नहीं की होती।
निर्देशक सिद्धार्थ आनंद की फिल्म ऐक्शन के मामले में जितनी रिच है, काश कॉन्टेंट के मामले में भी उतनी ही समृद्ध होती। फिल्म में रितिक और टाइगर को ईक्वल स्पेस देकर उनके मसल्स और ऐक्शन प्रदर्शन के चक्कर में सिद्दार्थ ने कहानी और अन्य पात्रों को उपेक्षित कर दिया है। हां, उन्होंने सेकंड हाफ में कई टर्न और ट्विस्ट रखें हैं, जो कहानी को रफ्तार देते हैं, मगर वे कुछ भी नया परोसने में कामयाब नहीं रहे हैं। कहानी का केंद्रबिंदु इस्लामिक आतंकवाद है, जो हम इससे पहले भी देशभक्ति वाली फिल्मों में देख चुके हैं। हाई ऑक्टेन स्टंट्स और पूरी दुनिया भर के केरल, मॉल्टा, मोरक्को, ऑस्ट्रेलिया,आर्कटिक सर्कल जैसे अनदेखे लोकेशंस फिल्म का प्लस पॉइंट हैं।
इसका ऐक्शन, स्वैग और स्टाइल ‘फास्ट एंड फ्यूरियस’ जैसी ऐक्शन ओरिएंटेड फिल्मों की याद दिलाता है। फिल्म के ऐक्शन को सी यंग ओ, परवेज शेख, फ्रांज और पॉल जेनिंग्ज ने लाजवाब ढंग से डिजाइन किया है। डांस, ऐक्शन, मनोरम लोकेशंस और कार चेज के दृश्य दर्शनीय हैं। संचित और अंकित बल्हारा के बैकग्राउंड म्यूजिक से रोमांच तेज होता है। विशाल-शेखर के संगीत में घुंघरू गीत बहुत पसंद किया जा रहा है। यह रेडियो मिर्ची के टॉप ट्वेंटी में तीसरे पायदान पर है।
इसमें कोई दो राय नहीं कि एक ही फ्रेम में रितिक और टाइगर को ऐक्शन और डांस की जुगलबंदी करते देखना किसी विजुअल ट्रीट से कम नहीं। दोनों की केमेस्ट्री परदे पर खूब सजती है। दोनों अपनी भूमिकाओं में नहले पर दहला साबित हुए हैं। वाणी कपूर का रोल फिल्म में बहुत छोटा है और साफ पता चलता है कि कहानी में ग्लैमर का तड़का देने के लिए उनकी मौजूदगी अनिवार्य है। आशुतोष राणा ने हमेशा की तरह अच्छा काम किया है। फीमेल सीक्रेट एजेंट के रूप में प्रियंका गोयंका याद रह जाती हैं। बाल कलाकार दिशिता सहगल ने यादगार परफॉर्मेंस दी है। वे फिल्म में राहत का काम करती हैं। ऐक्शन फिल्मों के शौकीन और रितिक-टाइगर के फैंस यह फिल्म देख सकते हैं।