देहरादून। उत्तराखंड में सरकार ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए कर्मचारियों के प्रदर्शन, शादी समारोह, धार्मिक आयोजनों समेत अन्य किसी भी आयोजन में 50 से ज्यादा लोगों के जमा होने पर भी रोक लगा दी है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सचिवालय में हुई राज्य कार्यकारी समिति (एसईसी) की बैठक में यह फैसला किया गया।
कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए सोमवार को सरकार ने कई फैसले एक साथ लिए। प्रदेश सरकार का जोर सोशल डिस्टेंसिंग पर है। परेशानी यह है कि एक तरफ कर्मचारियों की हड़ताल जारी है जिसमें रोज हजार से ज्यादा कर्मचारी एक जगह पर जुट रहे हैं।
दूसरी तरफ, विवाह समारोहों और अन्य धार्मिक, सामाजिक आयोजनों में भी लोग जुट रहे हैं। इसी को देखते हुए सोमवार को मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में एसईसी की बैठक में 50 से अधिक लोगों के एक जगह पर जमा होने पर रोक लगाने का फैसला किया गया।
उत्तराखंड आने के लिए वीजा पर रोक
सरकार ने विदेशी नागरिकों को बीजा देने पर रोक लगा दी है। सीएम ने कहा कि उत्तराखंड आने के लिए किसी भी विदेशी नागरिक को बीजा नहीं दिया जा रहा है। जो विदेशी नागरिक उत्तराखंड में आ चुके हैं, उन पर स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार निगरानी रख रही है।
कोरोना के खतरे को देखते हुए सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब प्रदेश में किसी भी सामाजिक, राजनीतिक यह अन्य गतिविधि में 50 से अधिक लोग कहीं पर जमा नहीं होंगे। अगर कर्मचारी कहीं जुटते हैं तो उनकी संख्या भी 50 से अधिक नहीं होनी चाहिए। लोगों की सुरक्षा को देखते हुए ही यह कदम उठाया गया है।
-उत्पल कुमार सिंह, मुख्य सचिव
सचिवालय में आगंतुकों के प्रवेश पर रोक
कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर राज्य सचिवालय में आगंतुकों के प्रवेश पर 31 मार्च तक रोक होगी। केवल विशेष मामलों में ही आगंतुकों को प्रवेश की अनुमति होगी। प्रभारी सचिव (एसएडी) भूपाल सिंह मनराल के मुताबिक, अपर मुख्य सचिव की ओर से इस संबंध में दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
कोरोना वायरस को लेकर राज्य सचिवालय में खास एहतियात बरती जा रही है। इसके तहत अब भीड़ भाड़ से बचने के लिए सचिवालय में आगंतुकों के प्रवेश को फिलहाल प्रतिबंधित किया गया है। विशेष मामलों को छोड़कर सामान्य तौर पर पास आफिस प्रवेश पत्र जारी नहीं करेगा।
सचिवालय प्रशासन की ओर से पहले ही एडवाइजरी जारी की जा चुकी है। सोमवार को सचिवालय के सुरक्षा अधिकारियों ने सचिवालय में दाखिल होने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को सेनेटाइजर दिया ताकि वे अपने हाथ साफ कर सकें।
ये लिए गए अन्य फैसले
– संक्रमण से लड़ने को स्वास्थ्य विभाग को 50 करोड़ रुपये जारी
– इमरजेंसी के दौरान सेवानिवृत्त स्वास्थ्य कर्मियों की सेवाओं का लाभ लिया जाएगा
– मेडिकल कालेज के छात्र, नर्स आदि की इमरजेंसी में तैनाती के लिए इनका प्रशिक्षण होगा
– बसों, सार्वजनिक स्थानों आदि का सेनिटाइजेशन (संक्रमण मुक्त) किया जाएगा
– व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान, स्वास्थ्य विभाग रोज बुलेटिन जारी करेगा
– कोरोना से संबंधित रोगियों और संक्रमण से लड़ने की सुविधाओं की जीआईएस मैपिंग होगी
– आइसोलेशन के लिए भवनों को चिह्नित किया जाएगा।
– मास्क, सेनेटाइजर और अन्य वस्तुओं की सप्लाई बाधित न होने देना
– सभी विभागों में तालमेल का निर्देश
घरों से बेवजह बाहर न निकलें लोग : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए लोगों से सहयोग की अपील की है। उन्होंने कहा कि लोग घरों से बेवजह बाहर न निकलें और भीड़भाड़ वाले सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें। जरूरी काम होने पर ही घरों से बाहर निकलें।
सोमवार को सचिवालय में मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर सरकार पूरी तरह से सतर्क है। सरकार की कोशिश है कि प्रदेश में वायरस न फैले। जिन देशों में यह वायरस फैला है, वहां जनता के सहयोग से नियंत्रण किया गया। सीएम ने कहा कि होटल व रेस्टोरेंट को बंद नहीं किया जा सकता है। हालांकि होटलों व रेस्टोरेंट के लिए भी एडवाइजरी जारी की गई है। सरकार प्रतिदिन कोरोना वायरस को लेकर समीक्षा कर रही है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
सीएम ने कहा कि स्पेन के शैक्षिक भ्रमण से लौटे एक प्रशिक्षु आईएफएस अधिकारी में कोरोना वायरस का संक्रमण पाया गया है। विदेश से लौटे सभी प्रशिक्षु आईएफएस अधिकारियों को निगरानी में रखा गया है।
कालाबाजारी पर होगी कड़ी कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में यदि कोई भी व्यापारी सेनिटाइजर और मास्क की कालाबाजारी करता है तो उसके खिलाफ खाद्य वस्तु अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कोरोना वायरस को लेकर सेनिटाइजर और मास्क की डिमांड बढ़ी है। लेकिन संक्रमण से बचने के लिए साबुन से भी हाथ धो सकते हैं। इसके लिए सेनिटाइजर ही जरूरी नहीं है।