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निर्भया केस में बड़ा फैसला, चारों दोषियों को कल दी जाएगी फांसी

नई दिल्ली। निर्भया के चारों दुष्कर्मियों को शुक्रवार सुबह 5.30 बजे फांसी लटकाया जाना तय माना जा रहा है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से लेकर दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट तक दोषियों की याचिकाओं पर सुनवाई हुई। अदालतों ने सभी को खारिज कर दिया। सरकारी वकील ने पटियाला हाउस कोर्ट में बताया कि चारों दोषियों के पास अदालत में अब कोई विकल्प बाकी नहीं है।

एक दिन में 5 याचिकाएं खारिज

  • राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को पवन और अक्षय ठाकुर की दूसरी दया याचिका नामंजूर कर दी।
  • सुप्रीम कोर्ट ने दोषी मुकेश सिंह की याचिका को खारिज कर दिया। मुकेश ने दावा किया था कि गैंगरेप के वक्त वह दिल्ली में ही नहीं था।
  • सुप्रीम कोर्ट में ही दोषी पवन गुप्ता की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज हो गई।
  • दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने 3 दोषियों की फांसी पर रोक लगाने की याचिका को खारिज कर दिया।

दोषी के पास कोई विकल्प नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने मुकेश की याचिका खारिज करते हुए कहा कि दोषी ने अपने सभी कानूनी विकल्प इस्तेमाल कर लिए हैं। अब इस स्थिति में किसी नए सबूत पर विचार नहीं कर सकते। इस बीच तिहाड़ में दो सहायक अधीक्षकों दीपक शर्मा और जय सिंह को तैनात किया गया है।

दोषियों के वकील तर्क देते रहे

दोषियों के वकील एपी सिंह अपने मुवक्किलों के लिए कोर्ट में दलीलें देते रहे। सुप्रीम कोर्ट में कहा कि दया याचिका खारिज होने से कई लोगों पर प्रभाव पड़ेगा। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप कह चुके हैं कि दूसरी बार दया याचिका दायर की थी, जिसे राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया। ऐसे में न्यायिक समीक्षा के क्या मायने है? सिंह ने पटियाला हाउस कोर्ट में कहा- लंबित मामलों की सुनवाई दूसरी कोर्ट में की जाए। फिलहाल सजा पर रोक लगाएं, क्योंकि कोरोना संकट का असर अदालतों के कामकाज पर पड़ रहा है।

3 दोषियों ने पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका लगाई थी

पटियाला हाउस कोर्ट में बुधवार को दोषी अक्षय सिंह ठाकुर, विनय शर्मा और पवन गुप्ता ने याचिका लगाई थी, जिसमें फांसी पर रोक लगाने की बात कही गई थी। सरकारी वकील ने एडिशनल सेशंस जज धर्मेंद्र राणा को बताया कि अक्षय और पवन की दूसरी दया याचिका इस आधार पर खारिज कर दी गई, क्योंकि पहली दया याचिका पर ही फैसला ले लिया गया था।

निर्भया की मां को उम्मीद
निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि कोर्ट ने दोषियों को कई मौके दिए। इससे उन्हें हर बार फांसी से पहले कुछ मामला लेकर आने और फांसी टलवाने की आदत हो गई। अब हमारी अदालत उनकी पैंतरेबाजी समझ चुकी है। निर्भया को कल इंसाफ मिलेगा। इस बीच, गुरुवार को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट के बाहर हाईवोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। सुनवाई के दौरान दोषी अक्षय की पत्नी बेहोश हो गई।

तीन डेथ वॉरंट खारिज

  • पहली बार- 22 जनवरी को सुबह 6 बजे फांसी होनी थी, लेकिन टल गई।
  • दूसरी बार- 1 फरवरी को फांसी देने का डेथ वॉरंट जारी किया गया, लेकिन फांसी नहीं हुई।
  • तीसरी बार- 3 मार्च को सुबह 6 बजे फांसी होनी थी, लेकिन दोषी पवन के पास कानूनी विकल्प बचे होने के चलते फांसी टली।
  • चौथी बार- दिल्ली कोर्ट ने 5 मार्च को सुबह 5.30 बजे फांसी का आदेश दिया था।

16 दिसंबर 2012: 6 दोषियों ने निर्भया से दरिंदगी की थी
दिल्ली में पैरामेडिकल छात्रा से 16 दिसंबर 2012 की रात 6 लोगों ने चलती बस में दरिंदगी की थी। गंभीर जख्मों के कारण 26 दिसंबर को सिंगापुर में इलाज के दौरान निर्भया की मौत हो गई थी। घटना के 9 महीने बाद यानी सितंबर 2013 में निचली अदालत ने 5 दोषियों राम सिंह, पवन, अक्षय, विनय और मुकेश को फांसी की सजा सुनाई थी। मार्च 2014 में हाईकोर्ट और मई 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा बरकरार रखी थी। ट्रायल के दौरान मुख्य दोषी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। एक अन्य दोषी नाबालिग होने की वजह से 3 साल में सुधार गृह से छूट चुका है।

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