अधिकांश हिंदू घरों में पूजा-पाठ के स्थान पर शंख (Conch Shell) रखा जाता है और पूजा के बाद शंख बजाया जाता है। बेशक हिंदू धर्म में शंख (Shankh) का काफी महत्व है, इसलिए सदियों से शंख बजाने की प्रथा चली आ रही है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान जो 14 रत्न प्राप्त हुए थे, उनमें से एक शंख भी है।
शंख को भगवान विष्णु (Lord Vishnu) से जोड़कर देखा जाता है और यह माना जाता है कि जिस घर में रोजाना पूजा के बाद शंख बजाया जाता है वहां माता लक्ष्मी (Mata Lakshmi) का वास होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण शंख स्वास्थ्य के नजरिए से भी बेहद फायदेमंद है। जी हां, सही तरीके से शंख बजाने और इसका इस्तेमाल करने से व्यक्ति को कई लाभ प्राप्त होते हैं। चलिए जानते हैं शंख बजाने से कौन-कौन से फायदे (Benefit of Conch Shell) होते हैं।
- हमारे शास्त्रों में शंख का हमेशा से बहुत महत्व रहा है। किसी भी अच्छे कार्य की शुरुआत शंख बजाकर ही की जाती थी। कहते हैं शंख में देवतागण वास करते हैं। इसके मध्य में वरुण देव, पृष्ठ भाग में ब्रह्मा जी और अग्र भाग में गंगा और सरस्वती का निवास माना जाता है।
- घर में शंख रखने से वास्तु दोषों से छुटकारा मिलता है, साथ ही धन और आरोग्य की प्राप्ति होती है। अगर आपके घर के किसी हिस्से में वास्तु दोष है, तो उस कोने में शंख रखने से वहां का वास्तु दोष समाप्त हो जाता है। आपको बता दें शंख प्रायः तीन प्रकार के होते हैं- दक्षिणावृत्ति शंख, मध्यावृत्ति शंख तथा वामावृत्ति शंख।
- जो शंख दाहिने हाथ से पकड़ा जाता है, वह दक्षिणावृत्ति शंख कहलाता है। जिस शंख का मुंह बीच में खुलता है, वह मध्यावृत्ति और जो शंख बायें हाथ से पकड़ा जाता है, वह वामावृत्ति शंख कहलाता है। इनमें से दक्षिणावृत्ति शंख को लक्ष्मी का कारक माना जाता है। इसे घर में रखने से धन-सम्पदा में बरकत होती है।
शंख के बारे में अन्य जानकारियां:
1- शंख की आवाज को बहुत शुभ माना जाता है, इसलिए कहा जाता है कि पूजा के बाद शंख बजाने से पूरा वातावरण पवित्र हो जाता है और शंख की आवाज सुनने से लोगों के मन में सकारात्मक विचार आते हैं।
2- मान्यता है कि शंख की पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इतना ही नहीं जिस घर में नियमित रूप से पूजा के बाद शंख बजाया जाता है उस घर से नकारात्मक शक्तियां दूर ही रहती हैं।
3- आयुर्वेद में बताया गया है कि शंख से बने भस्म का इस्तेमाल पेट से जुड़ी बीमारियों के इलाज में किया जाता है। इसका उपयोग पथरी, पीलिया और कई तरह की बीमारियों के इलाज में किया जाता है। हालांकि विशेषज्ञ की सलाह से ही इसका इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
4- शंख बजाने से फेफड़े स्वस्थ रहते हैं और सांस संबंधी बीमारियां दूर होती हैं। दरअसल, शंख बजाने से फेफड़े का व्यायाम होता है, जिससे सांस से जुड़ी तकलीफों से छुटकारा मिलता है।
5- वैज्ञानिक नजरिए से भी शंख का महत्व बताया जाता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि शंख की आवाज से वातावरण में मौजूद कई तरह के जीवाणु और कीटाणु नष्ट हो जाते हैं।
गौरतलब है कि वास्तु शास्त्र के अनुसार शंख में कई ऐसे गुण पाए जाते हैं, जिसके चलते इसे घर में पूजा स्थान पर रखने और पूजा के बाद बजाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
नोट- इस लेख में दी गई तमाम जानकारियों को प्रचलित मान्यताओं के आधार पर सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है और यह लेखक की निजी राय है। इसकी वास्तविकता, सटीकता और विशिष्ट परिणाम की हम कोई गारंटी नहीं देते हैं। इसके बारे में हर व्यक्ति की सोच और राय अलग-अलग हो सकती है।