Breaking NewsNational

कैप्टन अमरिंदर सिंह को लेकर हरीश रावत ने दिया बड़ा बयान, कही ये बात

नई दिल्ली। कैप्टन अमरिंदर सिंह पर अब कांग्रेस हमलावर हो गई है। पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने कहा कि अमरिंदर सिंह के किसी दबाव में हैं और बीजेपी उनको मुखौटे के रूप में इस्तेमाल करना चाहती है। रावत ने कहा, ”अमरिंदर सिंह ने जो बातें कही हैं उनपर वे विचार करें। भाजपा जैसी पंजाब विरोधी और किसान विरोधी पार्टी को प्रत्याक्ष रूप या अप्रत्यक्ष रूप से मदद न पहुंचाएं और उनकी जो उनको मुखौटा बनाने की कोशिश है उस कोशिश को वो नकारें।”

हरीश रावत ने अमरिंदर सिंह पर बेअदबी मामले में हाईकोर्ट में ठीक से नहीं रखे जाने का आरोप लगाया और कहा कि इस मामले से पंजाब के लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई है। रावत ने कहा, ”हमने सभी कांग्रेस नेताओं से बात की और उस बात के बाद 18 सूत्री एक्शन प्रोग्राम अमरिंदर सिंह की सहमति से उनको सौंपा गया, जिसपर एक टाइमबाउंड एक्शन लिए जाने की अपेक्षा की गई। दुर्भाग्य से कई महीने बीतने के बाद भी जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो फिर से अमरिंदर सिंह से पैनल ने बात की और उन्होंने पैनल के माध्यम से कांग्रेस अध्यक्ष को आश्वस्त किया कि वे सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं पर शीघ्र कार्रवाई करेंगे। फिर भी जब कार्रवाई नहीं हुई तो मैं खुद गया और कैप्टन से उनके निवास पर बात की।”

रावत ने कहा, ”20 दिन बाद भी जब कार्रवाई नहीं हुई तब मैंने फिर याद दिलाया। विधायक गणों में बेचैनी फैली और 43 विधायकों ने कांग्रेस अध्यक्षा से मांग की कि मुख्यमंत्री निरंतर उन बिंदुओं की अवहेलना कर रहे हैं जो हमारे चुनावी वादे से संबंधित है तथा अगले चुनाव पर असर डाल सकते हैं। विधायकों ने सीएलपी की बैठक बुलाने को कहा तो मैंने उन विधायकों से बात की और उनको बिलकुल साफ कह दिया कि अगर आप बैठक नहीं बुलाएंगे तो हम किसी तरीके का भी कदम उठाने के स्वतंत्र होंगे।”

कांग्रेस नेता ने कहा, ”आज ये कहा जा रहा है कि मुझे नहीं बताया गया कि सीएलपी की बैठक बुलाई जाए, मैंने 3 दिन कोशिश की और मैं अपने मुख्यमंत्री से बात नहीं कर पाया। जब मैं ये बात कह रहा हूं तो पंजाब के लोग इसको समझेंगे। पार्टी के अंदर कुछ बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटित न हो इसके लिए हमने सीएलपी की बैठक का फैसला लिया और उसकी सूचना मैने कुछ सूत्रों से मुख्यमंत्री को दे दी और उनके प्रभारियों को भी दी। मुख्यमंत्री ने दूसरे दिन स्वयं पेशकश की लेकिन कहा कि मैं बैठक में नहीं जाऊंगा और वहां पर कई तरह के सवाल किए जाएंगे इसलिए मैं त्यागपत्र दे रहा हूं, इसके बाद उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष से बात की और राज्यपाल के पास जाकर त्यागपत्र दे दिया।”

रावत ने आगे बताया, ”उनके त्यागपत्र के बाद सीएलपी की बैठक में सर्वसम्मति से अमरिंदर सिंह जी को पंजाब के लिए कार्य करने के लिए धन्यवाद दिया और उनके कार्य की सबसने प्रशंसा की इसलिए ये कहना कि अमरिंदर सिंह जी के साथ कोई बेअदबी की गई, उनका मान सम्मान नहीं रखा गया, यह बिलकुल तथ्यों से परे हैं। मुझे दुख है कि मुझे यह तथ्य सामने रखने पड़ रहे हैं ताकि देश के सामने ये बात साफ रहे कि कांग्रेस नेतृत्व ने यथासंभव जहां तक पार्टी को बचाने को संभव था वहां तक अमरिंदर जी की बातों को माना और उसके अनुसार ही काम किया। जिस तरीके से एक परसेप्शन बन गया था कि कैप्टन अकालियों से मिले हुए हैं, आज मुझे यह कहते हुए दुख हो रहा है कि अमरिंदर सिंह जी के 2-3 दिन से जो बयान आए हैं उनसे ऐसा लगता है कि किसी प्रकार के दबाव में हैं और विपक्षी दल अमरिंदर सिंह को मुखौटे के तौर पर इस्तेमाल करना चाहता हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button