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बीते वर्ष नैनीताल जिले में आई आपदा के ज़ख्म अभी तक नहीं भरे, जनसेवी भावना पांडे ने उठाए कईं सवाल

देहरादून/नैनीताल। उत्तराखंड के नैनीताल जिले के रामगढ़ क्षेत्र व उसके आसपास  पिछले साल अक्तूबर माह में आई दैवीय आपदा के घाव अभी तक नहीं भरे हैं। अब जब भी बारिश होती है तो ग्रामीणों की नींद उड़ जाती है। आपदा के बाद डीएम धीरज सिंह गर्ब्याल से लेकर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी क्षेत्र का दौरा किया था लेकिन हालात आज भी नहीं बदले हैं। क्षेत्रवासियों की तकलीफों को लेकर जनसेवी भावना पांडे ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए शासन व प्रशासन पर कईं सवाल खड़े किये हैं।

वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि रामगढ़ के झूतिया और सकुना में आज भी कदम-कदम पर आपदा के जख्म दिखाई देते हैं। यहां अक्तूबर में आई आपदा ने सब कुछ खत्म कर दिया था। इसके बाद सीएम से लेकर तमाम मंत्रियों, प्रशासनिक अधिकारियों ने आपदाग्रस्त क्षेत्र का दौरा किया था। किन्तु यहाँ कुछ नहीं बदला, अब तक एक पत्थर भी सरकार यहां नहीं लगा सकी है। उन्होंने कहा कि रामगढ़ की सड़क आज भी काम शुरू होने का इंतजार कर रही है, तो टूटे मकान भी उसी हालत में हैं। सिर्फ रामगढ़ ही नहीं बल्कि बेतालघाट, गरमपानी व खैरना की यह तस्वीरें भी बारिश से डरा रही हैं। मकानों और दुकानों की नींव पहले ही आपदा में कमजोर है तो अब इन मकानों का बहने का खतरा भी बना हुआ है। हालत इतने ज्यादा खराब है कि बारिश आते ही लोगों का डर और बढ़ जाता है।

जनसेवी भावना पांडे ने कहा कि अक्तूबर में आई आपदा में कई घर और लोगों का सामान बह गया था। इस घटना में कई लोगों की मौत भी हुई। आपदा के बाद विधायक, मंत्री, सीएम और केंद्रीय मंत्री भी यहाँ का दौरा करने पहुंचे लेकिन यहां सड़क खोलने से ज्यादा कुछ भी नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि अक्तूबर में आई आपदा के जख्म अभी तक हरे हैं। मानसून के चलते खतरा और बढ़ गया है। अगर समय पर आपदा के काम हो जाते तो इस डर को कम किया जा सकता था।

जनता कैबिनेट पार्टी की अध्यक्ष भावना पांडे ने सवाल उठाते हुए कहा कि आपदा के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्रों में रह रहे परिवारों को अलर्ट से पहले ही अन्यत्र शिफ्ट कराने का कार्य क्यों नहीं किया गया। क्या सरकार और अधिकारियों को फिर से किसी बड़े हादसे का इंतज़ार है। उन्होंने सवाल किया कि पिछली आपदा के बाद जो पुनर्निर्माण के कार्य हो जाने चाहिए थे, वह अभी तक क्यों नहीं हुए इस बारे में सरकार व प्रशासन क्यों मौन हैं।
आपदा प्रभावितों को जरुरत का सामना मुहैया कराते हुए जनसेवी भावना पांडे
गौरतलब है कि नैनीताल जनपद में बीते वर्ष आई आपदा के दौरान जनता कैबिनेट पार्टी की केंद्रीय अध्यक्ष एवँ प्रसिद्ध समाजसेवी भावना पांडे आपदा पीड़ितों के लिए मसीहा के रूप में सामने आईं और आपदा पीड़ितों को तत्काल मदद मुहैया कराई। जेसीपी अध्यक्ष भावना पांडे ने उत्तराखंड सरकार से अधिक एवं सरकार से पहले पीड़ितों को मदद देने का काम किया था। आपदा की खबर सुनते ही भावना पांडे तत्काल कुमायूं के अलग-अलग घटना स्थलों पर पहुंची और स्थिति का जायज़ा लिया, साथ ही उन्होंने पीड़ितों को ढांढस भी बंधाई।

उत्तराखंड की बेटी भावना पांडे ने उस दौरान कुमायूं के बिंदुखत्ता क्षेत्र के आपदा प्रभावित इलाकों का दौरा किया जहां आपदा पीड़ितों के दर्द ने उन्हें भीतर तक झकझोर दिया। परिणामस्वरूप उन्होंने पीड़ितों को तत्काल 11-11 हजार रुपये की आर्थिक मदद देने के साथ ही उन्हें चारपाई, कंबल गद्दे, बर्तन व राशन इत्यादि भी उपलब्ध कराए। बीते वर्ष इस क्षेत्र में अतिवृष्टि की वजह से आई आपदा में भारी जानमाल का नुकसान हुआ। आपदा पीड़ित लोग अभी तक उस खौफनाक मंज़र को भुला नहीं पा रहे हैं। वहीं ऐसे में भी कुछ सियासी दल आपदा में अवसर तलाशकर राजनीति करने से बाज नहीं आये। आपदा प्रभावित क्षेत्रों में घूमकर कईं राजनीतिक दलों के नेता मदद करने के बजाय सिर्फ तस्वीरें खिंचवाने में व्यस्त रहे और आपदा प्रभावितों को आश्वासन देते नज़र आये किंतु सही मायने में इनके दर्द पर मरहम सिर्फ जनता कैबिनेट पार्टी की अध्यक्ष भावना पांडे ने ही लगाया था। उनके इस महान कार्य की जितनी भी प्रशंसा की जाए कम ही है।

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