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देहरादून में पढ़ने वाला कश्मीरी छात्र बना आतंकी, सोशल मीडिया पर शेयर की फोटो

देहरादून। उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून के एक कॉलेज में पढ़ने वाला कश्मीरी छात्र पिछले करीब 3 हफ्ते से लापता है। अब जम्मू कश्मीर पुलिस का कहना है कि लापता कश्मीरी छात्र आतंकी बन गया है। छात्र की पहचान शोएब मोहम्मद लोन के रुप में हुई है, जो कि दक्षिणी कश्मीर के कुलगाम जिले के बुमराठ गांव का निवासी है। शोएब के परिजनों का कहना है कि उसकी मां भी उससे वापस लौटने की अपील कर चुकी है, लेकिन उसके बावजूद वह नहीं लौटा है। बता दें कि शोएब देहरादून के अल्पाइन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी में BSc(IT) का छात्र था। इंस्टीट्यूट के निदेशक एसके चौहान के मुताबिक शोएब काफी लंबी छुट्टी के बाद बीती 19 सितंबर को कॉलेज वापस लौटा था और उसके अगले ही दिन अपनी मां के बीमार होने की बात कहकर फिर से अपने घर चला गया था।

शोएब के चाचा अब्दुल खालिक लोन का कहना है कि 20 सितंबर को उसका फोन आया था, उसके बाद से ही उसका सेलफोन बंद आ रहा है। उसके घर नहीं लौटने पर उन्होंने पुलिस में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करायी थी। मंगलवार को कुलगाम के एसपी हरमीत सिंह ने मीडिया को बताया कि ‘हमें परिवार की तरफ से युवक की गुमशुदगी की रिपोर्ट मिली है। हमें पता चला है कि युवक ने करीब 8 दिन पहले आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिद्दीन की सदस्यता ग्रहण कर ली है।’ उल्लेखनीय है कि सोशल मीडिया पर शोएब की एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें शोएब राइफल के साथ दिखाई दे रहा है। शोएब के वापस लौटने के लिए शोएब की मां का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर इन दिनों वायरल हो रहा है। इस वीडियो में शोएब की मां कह रहीं हैं कि यदि शोएब किसी तंजीम (आतंकी संगठन) के साथ है तो उसे वापस घर भेज दिया जाए। शोएब की मां वीडियो में कहती सुनाई दे रही हैं कि ‘यदि वह वापस नहीं लौटा तो वह जहर खा लेंगी, उनका शोएब के अलावा कोई नहीं है।’

वहीं अल्पाइन इंस्टीट्यूट के निदेशक का इस पूरे मामले पर कहना है कि शोएब ने साल 2016 में इंस्टीट्यूट में दाखिला लिया था। वह एक अच्छा छात्र था और कभी भी किसी विवाद में उसका नाम नहीं आया। पहले के 4 सेमेस्टर उसने काफी अच्छी तरह से बिताए, लेकिन पांचवे सेमेस्टर की शुरुआत में यानि कि जुलाई के मध्य में वह घर से लौटा ही नहीं। इसके बाद इंस्टीट्यूट की तरफ से उसके घर एक पत्र भी भेजा गया। 19 सितंबर को शोएब इंस्टीट्यूट आया, लेकिन अगले ही दिन अपनी मां के बीमार होने की बात कहकर वह फिर से अपने घर चला गया। शोएब के चाचा ने बताया कि शोएब के पिता भी एक आतंकी थे और साल 1995 में उनकी मौत हो गई थी।

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