Breaking NewsUttarakhand

धमाके जैसी आवाज से हिल गई थी दून घाटी, 1.5 तीव्रता के भूकंप जितना हुआ था कंपन

धमाके जैसी आवाज से दून घाटी कुछ दिन पहले हिल गई थी। वाडिया इंस्टीट्यूट में लगी सिस्मोग्राफ मशीन में धमाके जैसी आवाज से हुए कंपन को रिकॉर्ड किया गया।

देहरादून। दून घाटी में सोमवार दोपहर तेज धमाके की आवाज से हर कोई सहम गया। इस तीव्र ध्वनि से प्रेमनगर समेत आसपास के इलाकों में धरती कांप उठी। स्थानीय बाशिंदों ने आवाज से घरों की खिड़कियों व दरवाजों में कंपन का दावा किया था। अब इस पर वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान ने अपनी मुहर लगा दी है।

भूकंप की तीव्रता नापने के लिए वाडिया इंस्टीट्यूट में लगी सिस्मोग्राफ मशीन में धमाके की आवाज को रिकॉर्ड किया गया है। संस्थान के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि ऐसी तीव्र ध्वनि वाडिया के सिस्मोग्राफ में अब तक रिकॉर्ड नहीं की गई। वैज्ञानिक धमाके की आवाज के वैज्ञानिक कारणों का पता लगाने में जुट गए हैं।
सोमवार दोपहर करीब दो बजे दून की घाटियों में तेज धमाके की आवाज गूंज उठी। प्रेमनगर, विकासनगर, हरबर्टपुर, सहसपुर, सेलाकुई समेत आसपास के कई क्षेत्रों में इस तेज ध्वनि से भूकंप जैसे कंपन भी महसूस हुए। स्थानीय पुलिस सक्रिय हुई तो यह पता चला कि वायुसेना के अभ्यास के दौरान हवा में धमाके की आवाज का आभास होता है, जिसे सुपरसोनिक बूम कहते हैं। इससे किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं है।
1.5 मैग्नीट्यूड के भूकंप के बराबर कंपन
वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक नरेश कुमार बताते हैं कि सिस्मोग्राफ मशीन का रिकॉर्ड चेक करने पर पाया गया कि सोमवार दोपहर देहरादून क्षेत्र में तेज धमाके की आवाज रिकार्ड हुई। इससे दून की धरती में कंपन भी दर्ज किया गया। कंपन की तीव्रता रिएक्टर पैमाने पर 1.5 मैग्नीट्यूड भूकंप के बराबर थी। अभी वाडिया संस्थान के वैज्ञानिकों को तीव्र ध्वनि के कारणों का पता नहीं है। इसके स्पष्ट होने के बाद वैज्ञानिक कारणों पर काम किया जाएगा।
जब भी तेज आवाज होगी, धरती कांपेगी
वरिष्ठ वैज्ञानिक नरेश कुमार बताते हैं कि धमाकों जैसी आवाज व भूकंप का परस्पर संबंध है। भूकंप आने पर धरती के कई किमी. नीचे ऐसी आवाजेें होती हैं, लेकिन वह ऊपर नहीं आ पातीं। इनसे कंपन होता है। भूकंप के बिना भी अगर तेज धमाके जैसी आवाज हो तो धरती में कंपन दर्ज किया जाता है। सोमवार को भी ऐसी ही आवाज के कारण धरती में कंपन हुआ और वह रिकार्ड हो गया। उन्होंने बताया कि हिरोशिमा में हुए विस्फोट से 6 मैग्नीट्यूट के भूकंप बराबर कंपन दर्ज किया गया था।
बेंगलुरु में भी हुआ था ऐसा ही सुपरसोनिक बूम
ऐसी आवाज देहरादून में बेशक पहली बार दर्ज की गई हो, लेकिन देश के अन्य हिस्सों में यह आवाजें सुनी जा चुकी हैं। बेंगलुरु में ऐसी ही धमाकेनुमा आवाज दर्ज की जा चुकी है। बाद में यह सुपरसोनिक बूम निकला। दरअसल जब किसी चीज की रफ्तार ध्वनि की रफ्तार से ज्यादा होती है, तो उसे सुपरसोनिक रफ्तार कहते हैं। जब विमान ध्वनि की रफ्तार से कम गति से चलता है तो फर्क नहीं पड़ता, लेकिन जब विमान ध्वनि की रफ्तार से तेज चलता है तो सुपरसोनिक बूम पैदा करता है। इससे बड़ी मात्रा में ध्वनि ऊर्जा पैदा होती है। विमान के गुजरने के बाद तेज धमाके जैसी आवाज आती है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button