भूख हड़ताल पर बैठे बेरोजगार युवाओं के समर्थन में उतरीं जेसीपी अध्यक्ष भावना पांडे
देहरादून। पिछले काफी समय से अपनी मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे बेरोजगार युवाओं को अपना समर्थन देते हुए जनता कैनिबेट पार्टी की केंद्रीय अध्यक्ष भावना पांडे धरना स्थल पर पहुंची। इस दौरान उन्होंने उत्तराखंड की मौजूदा भाजपा सरकार एवँ पूर्व की कांग्रेस सरकार को जमकर कोसा।
भावना पांडे ने अपना रोष प्रकट करते हुए उत्तराखंड की भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में बेरोजगारी चरम पर है और राज्य सरकार के मंत्रीगण तस्वीरें खिंचवाने में व्यस्त हैं। दरअसल उत्तराखंड सरकार को बेरोजगार युवाओं के दुःख-दर्द से कोई सरोकार नहीं है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार के द्वारा यूपीसीएल और पिटकुल में अवर अभियंता के 102 पदों के लिए दो बार परीक्षाएं करवाई गई जिनमें प्रदेश के कईं बेरोजगार युवाओं ने अपना भाग्य आजमाया किन्तु आजतक इनका परीक्षा परिणाम घोषित नहीं किया गया। ये बेरोजगार युवाओं के साथ सरासर अन्याय है।
उन्होंने कहा कि सरकार की लापरवाही और बेरुखी भरे रवैये की वजह से ये बेरोजगार युवा दो बार परीक्षा देने के बावजूद भी खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। परीक्षा परिणाम न आने की वजह से ये युवा काफी परेशान हैं और परिणाम घोषित इंतज़ार में आस लगाए पिछले काफी दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे हैं।
भावना पांडे ने उत्तराखंड सरकार को चेताते हुए कहा कि भूख हड़ताल के दौरान यदि इन युवाओं को कुछ हो जाता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार की ही होगी। उन्होंने कहा कि पहले तो राज्य सरकार लंबे समय तक बेरोजगारों के लिए कोई वेकैंसी निकालती ही नहीं है और जो निकलती भी हैं तो उन्हें बाद में निरस्त कर दिया जाता है।
उन्होंने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य के मुखिया और उनके मंत्रीगण आपदा में अवसर ढूंढने में लगे हैं किंतु वे ये बात भूल गए कि युवा ही इस राज्य की रीढ़ हैं। इस बार विधानसभा चुनाव में ये युवा ही भाजपा और कांग्रेस के कर्मों का हिसाब करेंगे और इन दलों को सबक सिखायेंगे। उन्होंने जनता कैबिनेट पार्टी की ओर से बेरोजगार युवाओं के आंदोलन को पूर्ण समर्थन देने का ऐलान किया।
इसके साथ ही भावना पांडे ने फार्मासिस्ट युवाओं के अनशन स्थल पर जाकर उनका समर्थन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि ये युवा जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं पिछले लगभग तीन महीनों से धरना देकर अनशन कर रहे हैं। इनमें कुछ महिलाएं अपने मासूम बच्चों के संग धरने पर बैठी हैं एवँ भूख हड़ताल कर रही हैं किंतु न तो सरकार का कोई नुमाइंदा ही इनके पास आया और न ही किसी राजनीतिक दल ने ही इनकी सुध ली।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवा ही उत्तराखंड का भविष्य हैं। राज्य सरकार इस तरह से इन्हें अनदेखा कर मुँह नहीं फेर सकती। ये युवा अपना हक़ मांग रहे हैं, सरकार से भीख नहीं मांग रहे हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि भूख हड़ताल पर बैठे इन युवाओं की बात को तत्काल सुनकर सरकार संज्ञान ले, अन्यथा परिणाम भुगतने को तैयार रहे।