प्रियंका ने चाय बागान में तोड़ी पत्तियां, पढ़िए पूरी खबर
गुवाहाटी। प्रियंका गांधी इन दिनों असम के दौरे पर हैं। असम में आने वाले दिनों में चुनाव होने हैं। कल उन्होंने अपने असम दौरे की शुरुआत गुवाहाटी में कामाख्या देवी के मंदिर में पूजा-अर्चना के साथ की थी, आज वो असम के साधारु में चाय बागनों में पत्तियां तोड़ती नजर आईं। इस दौरान प्रियंका गांधी चाय बागानों में काम करने वाले मजदूरों की तरह अपनी पीठ पर टोकरी बांधे चाय की पत्तियां तोड़ रही थीं।
असम में भाजपा पर हमलावर हैं प्रियंका
असम में 126 सदस्यीय विधानसभा के लिए 27 मार्च, एक अप्रैल और छह अप्रैल को तीन चरणों में मतदान होगा। इसीलिए कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने को लेकर प्रियंका असम में हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने सोमवार को दावा किया कि भाजपा नेता देश भर में घूम-घूम कर संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) लागू करने की बातें कर रहे हैं, लेकिन असम में आते ही वे इस पर चुप्पी साध लेते हैं।
सीएए के खिलाफ असम में 2019 में हिंसक प्रदर्शन हुए थे और उनमें पांच लोगों की जान चली गई थी। प्रदर्शनकारियों ने इस कानून को अपनी सांस्कृतिक पहचान और आजीविका के लिए खतरा बताया था। गौरतलब है कि सीएए का उद्देश्य पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए ऐसे हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान करना है, जो उन देशों में धार्मिक प्रताड़ना के चलते 31 दिसंबर 2014 तक भारत आ गए थे।
प्रियंका ने कहा कि कांग्रेस और छह अन्य पार्टियों का महागठबंधन विधानसभा चुनाव के बाद असम में सरकार बनाएगा क्योंकि राज्य के लोग भाजपा के झूठे वादों से आजिज आ गये हैं। वह हाथ से बुनी हुई पारंपरिक असमिया ‘मेखला चादर’ ओढ़े हुए थीं। कांग्रेस नेता ने पार्टी कार्यकताओं को संबोधित करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘चुनाव से पहले भाजपा बड़े-बड़े वादे करती है, लेकिन अगले पांच वर्षों के दौरान वे लोग उन्हें पूरा करने के लिए कुछ नहीं करेंगे और लोगों को यह समझ आ गया है।’’
प्रियंका ने असम में भाजपा नीत सरकार में सत्ता के एक से अधिक केंद्र होने का संकेत देते हुए कहा , ‘‘हम समझ नहीं पा रहे हैं कि राज्य में कितने मुख्यमंत्री हैं–एक, दो या कई हैं। या, यह (सरकार) बाहर से रिमोट कंट्रोल से चल रही है ?’’ कांग्रेस नेता ने अपने संबोधन की शुरूआत और समापन ‘जय असम माता’ के साथ की। उन्होंने कहा, ‘‘आप पार्टी के लिए या अपनी सीट के लिए नहीं लड़ रहे हैं, बल्कि असम की पहचान और अपनी मातृभूमि के लिए लड़ रहे हैं।’’