देहरादून। उत्तराखंड में इन दिनों नौकरियों में भर्ती की प्रक्रिया में धांधली किये जाने का मुद्दा गरमाया हुआ है। इस धांधली के खिलाफ उत्तराखंड की बेटी, प्रसिद्ध जनसेवी, वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी एवं जनता कैबिनेट पार्टी (जेसीपी) की केंद्रीय अध्यक्ष भावना पांडे ने विरोध जताते हुए आवाज उठाई है।
उत्तराखंड की बेटी भावना पांडे ने कहा कि राज्य में भर्ती प्रक्रिया में रोज़ाना ही धांधली की खबरें सामने आ रही हैं। उन्होंने कहा कि यूकेएसएसएससी की स्नातक स्तरीय परीक्षा में हुई धांधली के साथ ही सहकारिता विभाग में जिला सहकारी बैंकों (डीसीबी) में हुई भर्तियों में गड़बड़ी की जांच रिपोर्ट का प्रदेश की जनता इंतजार कर रही है। वर्ष 2020 में जिला सहकारी बैंकों में चतुर्थ श्रेणी के 432 पदों के लिए शुरू हुई भर्ती प्रक्रिया विवादों में आने के बाद 29 मार्च 2022 को इस पर रोक लगाते हुए देहरादून, ऊधमसिंह नगर और पिथौरागढ़ डीसीबी की जांच के आदेश शासन की ओर से दिए गए थे।
वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने भर्ती प्रक्रिया में धांधली को लेकर उत्तराखंड सरकार और प्रशासन पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सरकार की नाक के नीचे नौकरियों की भर्ती में धांधली होती रही मगर सरकार व प्रशासनिक तंत्र को जरा भी भनक तक नहीं लगी। उन्होंने कहा कि सहकारिता में डीबीसी भर्ती घोटाले में तत्कालीन त्रिवेंद्र सरकार में भाजपा के ही दो विधायकों यतीश्वरानंद और सुरेश राठौर ने भर्ती घोटाले के खिलाफ आवाज उठाई थी। भावना पांडे ने इस पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि सरकार रोजगार के नाम पर घोटाले को अंजाम देकर प्रदेश के युवाओं को ठगने का काम कर रही है। सहकारिता ही नहीं भाजपा सरकार में हुई तमाम भर्तियों की सीबीआई जांच होनी चाहिए।
जेसीपी अध्यक्ष भावना पांडे ने एक बार फिर बड़ा सवाल उठाते हुए कहा कि यदि इसी प्रकार उत्तराखंड में भर्ती परीक्षाओं में धांधली होती रही तो, प्रदेश के वो बेरोजगार युवा जो दिन-रात मेहनत करके भर्ती परीक्षा की तैयारियों में जुटे रहते हैं उनके भविष्य का क्या होगा? उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने विधानसभा चुनाव से पूर्व राज्य के बेरोजगार युवाओं को नौकरियां देने को लेकर अनेक घोषणाएं की थी, जिन्हें आज तक अमल में नहीं लाया गया। मजबूरन राज्य के पढ़े-लिखे बेरोजगार युवाओं को सड़कों पर आंदोलन करने को विवश होना पड़ रहा है। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि सरकार आखिर कब तक प्रदेश के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करती रहेगी?