पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने दिखाया कमाल
नई दिल्ली। श्रीलंका के खिलाफ गुरुवार को खेले गए चौथे वनडे मैच में महेंद्र सिंह धौनी जब कोलंबो के प्रेमदासा स्टेडियम में मैदान पर उतरे तो वो लम्हा उनकी जिंदगी का यादगार पल बन गया। श्रीलंका के खिलाफ खेला गया चौथे मैच धौनी के वनडे इंटरनेशल करियर का 300वां मैच था। ऐसा कीर्तिमान बनाने वाले धौनी छठे भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं।
भारतीय टीम के विकेटकीपर और दुनिया के सबसे अच्छे फिनिशर माने जाने वाले बल्लेबाज धौनी का बल्ला भले ही इस मैच में हाफ सेंचुरी बनाने से चूक गया पर उन्होंने लोगों को अपने कमाल से चौंकाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। धौनी ने इस मैच में 42 बाॅल में पांच चौके और एक छक्के की मदद से नाबाद 49 रनों की पारी खेली।
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी को भले ही अब पहले जैसा फिनिशर ना माना जाता हो, लेकिन डीआरएस लेने के मामले में अब भी कोई उनका सानी नहीं है।
धौनी ने दिखाई डीआरएस की शानदार समझ
चौथे वन डे में कोलंबो में श्रीलंकाई पारी के दौरान तीसरे ओवर में शार्दुल ठाकुर की गेंद निरोशन डिकवेला के ग्लब्स से लगकर धौनी के दस्तानों में गई। शार्दुल ने गेंद फेंकी और धौनी ने इस पर जोरदार अपील की। ऑस्ट्रेलिया के अंपायर पॉल रायफल ने आउट देने के बजाय गेंद को ही वाइड करार दिया। धौनी ने इशारा किया कि आवाज आई है और उन्होंने विराट को डीआरएस लेने के लिए कहा। विराट ने डीआरएस लिया और धौनी का अंदाजा बिल्कुल सही निकला। रिप्ले में साफ हुआ कि डिकवेला के दस्ताने से लगकर गेंद धौनी के दस्तानों में गई। इस तरह से भारत के खाते में पहला विकेट आया। श्रीलंका का स्कोर उस समय 22 रन था।
इसके बाद श्रीलंका को तीसरा झटका दिलशान मुनवीरा के रूप में लगा। जसप्रीत बुमराह की गेंद पर मुनवीरा के खिलाफ कैच की अपील हुई। फील्ड अंपायर ने एक बार फिर बल्लेबाज के हक में फैसला दिया। धौनी के कहने पर विराट ने फिर से रिव्यू लिया और भारत को तीसरे विकेट के रूप में इसका फायदा मिला।