राजेंद्र की शहादत पर रोया सारा गांव, सीएम ने दी श्रद्धांजलि
देहरादून। अनंतनाग में शहीद हुए राजेंद्र सिंह घर के इकलौते चिराग थे। उनकी तीन बहने हैं। शहीद का शव जब उनके पैतृक आवास लाया गया तो वहां कोहराम मच गया। पूरा गांव फूट फूट कर रोया। बहने और मां बेसुध हो गईं। गांव में बस चारों तरफ चीखें ही सुनाई दी।
शहीद राजेंद्र का पार्थिव शरीर शनिवार दोपहर को पहले पिथौरागढ़ लाया गया। इस दौरान सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत और सेना के जवानों ने उन्हें सैन्य सम्मान के साथ श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक आवास पिथौगराढ़ जिले के गंगोलीहाट के बनेडाकंड ले जाया गया।
परिजन और गांव के लोग पार्थिव शरीर से लिपट कर रो पड़े। शहीद का सैन्य सम्मान के साथ रामेश्वर घाट में अंतिम संस्कार किया गया। राजेंद्र सिंह बुंगला (23) पुत्र चंद्र सिंह जाट रेजीमेंट (टीए) में सिपाही थे। वह वर्ष 2015 में भर्ती हुए थे। राजेंद्र दो माह पहले ही राष्ट्रीय राइफल (आरआर) में तैनात हुए थे। बृहस्पतिवार को जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से हुई मुठभेड़ में राजेंद्र गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। राजेंद्र की शहादत की खबर मिलने के बाद उसके घर में कोहराम मचा है।
वहीं इस दौरान लोगों ने सेना पर पथराव शुरू कर दिया। जिसमे जवान राजेंद्र सिंह गंभीर रूप ससे घायल हो गए। उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां शुक्रवार को उनकी मौत हो गई। दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा जिले के त्राल में गुरुवार की देर शाम आतंकियों की ओर से सेना के कैंप पर किए गए हमले में एक जवान शहीद हो गया था। एक अन्य जवान घायल है। पूरे इलाके की घेराबंदी कर सर्च ऑपरेशन चलाया गया था। त्राल इलाके के नादेर में आतंकियों ने 42 राष्ट्रीय राइफल्स के कैंप पर आतंकी हमला किया।
इसमें गेट पर तैनात जवानों को निशाना बनाया गया। जवानों की ओर से जवाबी कार्रवाई की गई। इसमें दो जवान घायल हो गए। दोनों को श्रीनगर के बादामीबाग स्थित सैन्य अस्पताल ले जाया गया, लेकिन एक ने दम तोड़ दिया। शहीद जवान की शिनाख्त एनजी लियाना तथा घायल की तकिया दोनी के रूप में हुई है।