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आर्थिक तंग दूर करने के लिए गुरुवार को करें ये उपाय, होगा लाभ

गुरुवार का दिन भगवान विष्णु का होता है। इस दिन भगवान विष्णु की उपासना करने से वो खुश हो जाते हैं और सारी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं। इस दिन को बृहस्पति और भगवान श्री विष्णु की आराधना की जाती है। इस दिन उपवास करने, मंत्रों का जाप करना भी लाभकारी होता है।

भगवान विष्णु को जगत का पालन हार भी कहा लिहाजा उनके आशीर्वाद से मनुष्य को सभी तरह की परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है। जब जगत के पालनहार विष्णु जी प्रसन्न होते हैं तो मां लक्ष्मी भी स्वयं प्रसन्न हो जाती हैं। वहीं गुरुवार का दिन देवगुरु बृहस्पति को समर्पित है जो वृद्धि के कारक हैं। यदि इनसे जुड़े उपाय गुरुवार के दिन किए जाएं तो आर्थिक समस्या से छुटकारा प्राप्त हो सकता है तो चलिए जानते हैं गुरुवार के दिन पैसों की तंगी दूर करने के लिए क्या-क्या उपाय करने चाहिए-

पीपल के पत्ते का उपाय-

बृहस्पतिवार के दिन पीपल का पत्ता लाएं और उसे धुल लें। अब इसपर रोली या सिंदूर से ‘ओम श्रीं ह्रीं श्रीं नमः’ लिखें। जब ये सूख जाए तो इसे पर्स में रख लें, इसके साथ ही मां लक्ष्मी के स्वरूप अंकित चांदी का एक सिक्का भी अपने पर्स में रखें। ऐसा माना जाता है इसके बाद मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु दोनों की कृपा आप पर बनी रहती है।

केले के पेड़ का पूजन- 
मान्यता है कि केले के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है और इसलिए गुरुवार के दिन केले के पेड़ का पूजन किया जाता है। इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।

हल्दी डालकर नहाएं-
गुरुवार के दिन पानी में हल्दी डालकर नहाने से भगवान बृहस्पति का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके साथ ही गुरुवार के दिन केले के पेड़ की पूजा करना फलकारी माना जाता है।

पर्स में रखें कुबेर यंत्र- 
कोषाध्यक्ष कुबेर को स्थाई धन का देवता माना जाता है और कुबेर की कृपा से धन की कमी नहीं होती। यदि आप धन संबंधी समस्या क सामना कर रहे हैं तो अपने पर्स में तांबे के पत्र पर कुबेर यंत्र या श्री यंत्र अंकित करवाकर रखें। इसके अलावा कौड़ी, केसर या हल्दी का टुकड़ा भी रख सकते हैं।

गुरुवार के दिन करें इन मंत्रों का जाप-

  • देवानां च ऋषीणां च गुरुं का चनसन्निभम।
  • बुद्धि भूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पितम।
  • ऊं ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:।
  • ऊं अंशगिरसाय विद्महे दिव्यदेहाय धीमहि तन्नो जीव: प्रचोदयात्।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। हम इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करते है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)

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