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इस शॉर्ट फिल्म में है एक बड़ा मैसेज, नहीं देखी तो अभी देख डालें

फिल्म इंडस्ट्री ने दर्शकों का मनोरंजन करने के साथ ही अलग-अलग मुद्दों पर भी प्रकाश डाला है। कभी आतंकवाद, कभी डिप्रेशन तो कभी महिलाओं के खिलाफ होने वाले हिंसा के मुद्दे को फिल्मों के जरिए उठाया गया। आज हम आपको एक ऐसी शॉर्ट फिल्म के बारे में बताते हैं, जिसके जरिए दर्शकों को एक जरूरी संदेश दिया गया है।

मुंबई। फिल्में समाज का आईना मानी जाती हैं। फिल्म जगत में ऐसी कई फिल्में बनी हैं, जिनके जरिए सामाजिक मुद्दों को उठाने की कोशिश की गई है। बॉलीवुड में महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा पर भी कुछ फिल्में बनी हैं, जिन्हें दर्शकों से शानदार रिस्पॉन्स मिला। पिछले दिनों आलिया भट्ट स्टारर ‘डार्लिंग्स’ में घरेलू हिंसा के मुद्दे पर रोशनी डाली गई थी। इस बीच एक शॉर्ट फिल्म भी काफी चर्चा में है, जिसमें महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा जैसे संवेदनशील मुद्दे को उठाया गया है।

25 नवंबर को जारी किया गया था पोस्टर-टीजर

महिलाओं के खिलाफ हिंसा के बारे में जागरूकता बढ़ाने की पहल के हिस्से के रूप में जिग्स पिक्चर्स द्वारा एक 3 मिनट की शॉर्ट फिल्म हाल ही में जारी की गई, जिसका नाम है सिसकती रूह। यह प्रभावशाली शॉर्ट फिल्म 27 नवंबर को इंटरनेशनल डे फॉर द एलिमिनेशन ऑफ वॉयलेंस अगेंस्ट वुमन के उपलक्ष्य में जारी की गई, जो 25 नवंबर को था। ये शॉर्ट फिल्म दुनिया भर में महिलाओं द्वारा सहन की जाने वाली क्रूरता के खिलाफ एक कड़ा संदेश देती है। इस फिल्म का पोस्टर और टीजर 25 नवंबर को जारी किया गया था और अब ये फिल्म भी दर्शकों के बीच हाजिर है।

हिलाकर रख देगी ये 3 मिनट की शॉर्ट फिल्म

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हाल ही में कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में एक महिला डॉक्टर पर क्रूर यौन हमले ने देश को हिलाकर रख दिया, विरोध और बहस छिड़ गई। फिर भी, जैसे-जैसे सुर्खियां धुंधली होती जा रही हैं यानी निर्भया केस, हाथरस केस और कई अन्य मामले, हिंसा का जघन्य चक्र जारी है, जिसमें अनगिनत बेटियों, बहनों, माताओं और पत्नियों को शिकार बनाया जा रहा है। सिसकती रूह इस बात का एहसास दिलाती है कि समाज में महिलाएं ना तो घर के अंदर और ना बाहर, कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं।

रजनीश लाल ने क्या कहा?

जिग्स पिक्चर्स के संस्थापक और निर्माता रजनीश लाल ने कहा, “यह फिल्म एक ऐसा संदेश देने की जरूरत से पैदा हुई थी जो महिलाओं और पुरुषों दोनों के बीच गहराई से गूंजेगी जो उनका सम्मान करते हैं। हमने इस फिल्म के लिए अब्दुल्ला सलीम के साथ हाथ मिलाया है, जिनकी संवेदनशीलता और इस विषय की समझ ने उन्हें इस इमोशनल प्रोजेक्ट के लिए आदर्श निर्देशक बनाया।”

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