भाजपा विधायक दल के नेता चुने गए फडणवीस
मुंबई। महाराष्ट्र में शिवसेना और भाजपा के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान जारी है। इस बीच, बुधवार को भाजपा के नवनिर्वाचित विधायकों ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को विधायक दल का नेता चुना। इस बैठक में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पार्टी के उपाध्यक्ष अविनाश खन्ना बतौर पर्यवेक्षक मौजूद रहे। शिवसेना ढाई साल अपना मुख्यमंत्री बनाए जाने पर अड़ी है। हालांकि, फडणवीस पहले ही साफ कर चुके हैं कि 5 साल तक वे मुख्यमंत्री रहेंगे। मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि अगले 2 दिनों के बीच सब कुछ फाइनल हो जाएगा और 4 दिनों में शपथ ग्रहण होगा। राज्य में फिर से भाजपा गठबंधन की सरकार बनेगी।
मुख्यमंत्री पद को लेकर अमित शाह और उद्धव ठाकरे के बीच आज चर्चा होनी थी, लेकिन शाह गुजरात दौरे पर हैं। एक मराठी चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्यमंत्री फडणवीस और उद्धव ठाकरे के बीच फोन पर बात हुई। दोनों ने बैठक करके जल्द ही समाधान निकालने पर सहमति जताई है। शिवसेना ने भी गुरुवार को अपने विधायकों की बैठक बुलाई। संजय राउत मातोश्री पहुंचकर उद्धव के मिले।
चंद्रपुर विधानसभा क्षेत्र के निर्दलीय विधायक किशोर जोर्गेवार ने बुधवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की और भाजपा को समर्थन देने का ऐलान किया। मंगलवार को भी दो निर्दलीय फडणवीस के समर्थन में आए थे। इससे पहले फडणवीस ने कहा था कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने स्पष्ट किया है कि शिवसेना के साथ मुख्यमंत्री पद को लेकर 50:50 फॉर्मूला जैसा कोई समझौता नहीं हुआ था। फडणवीस का यह बयान शिवसेना नेता संजय राउत के उस बयान के बाद आया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि उद्धव ठाकरे के पास भी सरकार बनाने के विकल्प हैं, लेकिन वे इसे स्वीकार करने का पाप नहीं करना चाहते।
इसके बाद फडणवीस ने सफाई दी थी कि लोकसभा चुनाव के समय शिवसेना ने ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन इस पर मेरे सामने कोई फैसला नहीं हुआ। अगर कुछ हुआ भी होगा तो अमित शाह और उद्धव ठाकरे ही तय करेंगे। वहीं, भाजपा के राज्यसभा सांसद संजय काकड़े ने कहा था कि शिवसेना के 45 नवनिर्वाचित विधायक मुख्यमंत्री फडणवीस के संपर्क में हैं। ये विधायक भाजपा के साथ गठबंधन चाहते हैं, इसलिए वे उद्धव को फडणवीस के नेतृत्व में सरकार बनाने के लिए मना लेंगे। इसके अलावा शिवसेना के पास कोई चारा नहीं है।
संजय राउत ने फडणवीस के बयान पर कहा था कि मुख्यमंत्री ने खुद 50:50 फॉर्मूला की बात की थी। उद्धवजी ने भी इस बारे में बात की थी। ये सब अमित शाह के सामने हुआ। सरकार बनाने में देरी के सवाल पर राउत ने कहा था कि महाराष्ट्र में कोई दुष्यंत नहीं है, जिसके पिता जेल में हैं। यहां हम हैं, जो धर्म और सत्य की राजनीति करते हैं। शरदजी (शरद पवार) ने भाजपा के खिलाफ माहौल बनाया और कांग्रेस कभी भाजपा के साथ नहीं जाएगी। भाजपा ने बहुमत से दूर रहने पर हरियाणा में जजपा के साथ गठबंधन कर उसके अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला को उपमुख्यमंत्री पद दिया था।
24 अक्टूबर को नतीजे घोषित होने के बाद शिवसेना के कुछ नेताओं ने मांग की है कि राज्य में ढाई साल शिवसेना और ढाई साल भाजपा का मुख्यमंत्री बने। शिवसेना ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के 50:50 फॉर्मूले को ध्यान में रखते हुए मांग की थी कि दोनों पार्टियों के नेताओं को मुख्यमंत्री बनने का मौका मिले। शिवसेना के प्रताप सरनाइक ने कहा कि उद्धव को मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा आलाकमान से लिखित में लेना चाहिए। हालांकि, इसके बाद महाराष्ट्र के मौजूदा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि राज्य में अगले 5 साल भाजपा के नेतृत्व में ही सरकार चलेगी। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा को 105 और शिवसेना को 56 सीटें मिलीं।