सोशल मीडिया पर विवादित मुद्दों पर पोस्ट करने वाले सावधान, पढ़िये ये खबर
वॉशिंगटन। अमेरिका की पेनसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी ने कर्मचारी चुनने के नियोक्ता के फैसलों पर शोध कराया। इसके मुताबिक, सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट शेयर करने वालों को काम पर रखने से नियोक्ता बचते हैं। इंटरनेशनल जरनल ऑफ सिलेक्शन एंड एसेसमेंट में प्रकाशित शोध के मुताबिक, नियोक्ता ऐसे लोगों को भी चुनने से गुरेज करते हैं, जो ड्रग्स या एल्कोहल इस्तेमाल से जुड़ी पोस्ट करते हैं। हॉस्पेटिलिटी मैनेजमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर माइकल ट्यू कहते हैं कि यह स्पष्ट नहीं है कि नियोक्ता सोशल मीडिया पर डाले गए नकारात्मक कंटेंट को कितना महत्व देते हैं, लेकिन वे महत्व जरूर देते हैं।
शोधकर्ताओं ने नियोक्ताओं के निर्णय को प्रभावित करने वाले तीन नकारात्मक विषयों को लेकर जांच की। ये थे- आत्म तल्लीनता, स्वच्छंदता और एल्कोहल-ड्रग्स का इस्तेमाल। उन्होंने अलग-अलग संस्थानों के 436 नियोक्ताओं की निर्णय प्रक्रिया का आकलन किया। शोधकर्ताओं ने इन सबको एक काल्पनिक अभ्यर्थी का पर्चा दिया, जिसमें सभी सवालों के जवाब शानदार तरीके से दिए गए थे। नियोक्ताओं को अभ्यर्थी की फेसबुक प्रोफाइल की समीक्षा कर नौकरी मिलने की संभावना बताने को कहा गया। प्रोफाइल को पढ़ने के बाद नियोक्ताओं ने उनके संस्थान के लिए उपयुक्त अभ्यर्थी का आकलन किया।
शोधकर्ताओं ने बताया कि आत्म-तल्लीनता को नियोक्ताओं ने नौकरी पाने के लिए नकारात्मक गुण के रूप में देखा। ट्यू कहते हैं, सोशल मीडिया साइट्स अक्सर आत्म तल्लीनता के लिए पोषण का काम करती हैं। नियोक्ता यह देखते हैं कि जो व्यक्ति अधिक आत्म-तल्लीन होता है वह अन्य कर्मचारियों और संस्थान के फायदे के लिए त्याग करने के लिए कम तैयार रहता है। शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि सोशल नेटवर्किंग साइट्स ने लोगों को मुखरता से विवादित मुद्दों पर विचार रखने का मौका दिया है। जो लोग विभाजनकारी पोस्ट डालते हैं, उन्हें झगड़ालू और अल्प सहयोगी के रूप में देखा जाता है। ऐसे पोस्ट अभ्यर्थी को उसकी योग्यता से अधिक प्रभावित करते हैं।