Breaking NewsLifeNational

बुद्ध पूर्णिमा पर 205 साल बाद बन रहा ये दुर्लभ योग, जानिए क्या होगा असर

नई दिल्ली। गुरुवार, 7 मई को वैशाख मास की पूर्णिमा मनाई जाएगी। इसी तिथि पर भगवान बुद्ध और कूर्म अवतार हुआ था। इस पूर्णिमा पर पवित्र नदी में स्नान करने का, मंत्र जाप और धन-अनाज का दान करने का विधान है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार इस बार देशभर में लॉकडाउन होने की वजह से पूर्णिमा पर नदी में स्नान करने से बचें और घर पर ही पवित्र नदियों का ध्यान करते हुए स्नान करें। पूर्णिमा पर 205 साल बाद शनि, राहु-केतु का दुर्लभ योग बन रहा है।

1815 में बना था दुर्लभ योग

पं. शर्मा के अनुसार शनि के मकर राशि में, राहु मिथुन में, केतु धनु में, मंगल कुंभ राशि में रहते हुए 205 साल पहले 23 मई 1815 को बुद्ध पूर्णिमा मनाई गई थी। ऐसा ही योग 7 मई को भी बन रहा है। इस साल गुरु और शनि की युति भी है, उस समय गुरु-शनि की युति नहीं थी। 59 साल पहले 30 अप्रैल 1961 बुद्ध पूर्णिमा पर गुरु और शनि की युति मकर राशि में थी। ये दोनों ग्रह मार्गी थे। इस साल भी इन दोनों ग्रहों का यही योग बन रहा है।

पानी के मटके का दान करें

इस पूर्णिमा पर जल का दान करने का विशेष महत्व है। कहीं प्याऊ लगवाएं या किसी प्याऊ में पानी से भरा मटका दान करें। इस दिन जल से भरे कुंभ का दान करने पर अक्षय पुण्य मिलता है। इस कुंभ दान को यमायकुंभदान भी कहते है।

देश-दुनिया पर कैसा रहेगा इन योगों का असर

इस दिन गुरु-शनि मकर राशि में रहेंगे और मंगल कुंभ में, राहु मिथुन में, केतु धनु राशि में रहेगा। गुरु नीच का होकर मकर राशि में रहेगा। सूर्य-चंद्र की परस्पर एक दूसरे पर दृष्टि होगी। इस पूर्णिमा से अगली पूर्णिमा तक यानी 5 जून 2020 तक पांच शुक्रवार आएंगे। ये समय देश-दुनिया के लिए लाभदायक रहेगा। उन्नति होगी। जनता सुखी होगी। रोगों में आराम मिलेगा। अपराध वृद्धि भी हो सकती है। गर्मी का प्रकोप बढ़ेगा। कुछ क्षेत्रों में राजनीतिक बदलाव भी हो सकती हैं। कहीं-कहीं हिंसा भी हो सकती है। आम लोगों के लिए समय आरामदायक रह सकता है।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button