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इस भारतीय खिलाड़ी ने किया जोरदार प्रदर्शन

नई दिल्ली। रविवार को भारत और वेस्टइंडीज के बीच खेले गए दूसरे वनडे मुकाबले के बाद एक बार फिर कप्तान विराट कोहली सवालों के घेरे में खड़े हो गए हैं। इसकी वजह फिर वही गेंदबाज बना है जिसकी वजह से कहीं न कहीं कोहली-कुंबले विवाद की शुरुआत हुई थी।

– एक और जोरदार आगाज

ये खिलाड़ी और कोई नहीं बल्कि 22 वर्षीय भारतीय स्पिनर (चाइनामेन) कुलदीप यादव हैं। कुलदीप ने इसी साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जब टेस्ट क्रिकेट में अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर का आगाज किया था तो तब भी उन्होंने एक पारी में चार विकेट लेकर धूम मचाई थी और रविवार को जब वनडे क्रिकेट में उन्हें पहली बार गेंदबाजी का मौका मिला, तो फिर इस खिलाड़ी ने दिल जीत लिए। कुलदीप ने रविवार को 9 ओवर में 50 रन देकर सबसे ज्यादा 3 विकेट हासिल किए। इस दौरान कुलदीप ने विंडीज टीम के ओपनर शाइ होप, एविन लिविस और कप्तान जेसन होल्डर के विकेट लिए।

– कुंबले-विराट झगड़े की शुरुआत

कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक पूर्व कोच अनिल कुंबले और कप्तान विराट कोहली के बीच अनबन व झगड़े की शुरुआत इसी साल मार्च में ऑस्ट्रेलिया के भारत दौरे पर हुई थी। सीरीज के तीसरे टेस्ट में कुंबले चाहते थे कि कुलदीप यादव को टीम में शामिल किया जाए लेकिन कोहली ने इससे साफ इनकार कर दिया। टीम इंडिया इस मैच में कुलदीप के बिना ही उतरी और ये मैच ड्रॉ रहा। इसके बाद अंतिम टेस्ट (धर्मशाला) में कुंबले अपनी जिद पर अड़े रहे और विराट को इस बार कुलदीप को लेकर ही मैदान पर उतरना पड़ा। भारत ने ये टेस्ट मैच जीता और इस मैच में कुलदीप ने चार विकेट लेकर अपने करियर का शानदार आगाज किया। ये कुंबले की पारखी नजर की जीत थी लेकिन शायद विराट इसको हार मानकर दिल पर लगाकर बैठ गए थे। अंदर ही अंदर दोनों के बीच मामला गहरा होता गया और चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में हार के बाद जब टीम इंडिया वेस्टइंडीज रवाना हुई तो कोहली ने कोच पद से इस्तीफा दे दिया।

– द्रविड़ ने भी उठाए थे सवाल

वैसे कुलदीप को न चुनने को लेकर सिर्फ कुंबले ही नाराज नहीं दिखे बल्कि पूर्व दिग्गज भारतीय बल्लेबाज व कप्तान राहुल द्रविड़ ने भी चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में भारत की हार के बाद अपनी राय रखी। द्रविड़ ने कहा कि कुलदीप को न चुनना एक गलत फैसला था क्योंकि पूरे टूर्नामेंट में कोई भी ऐसी टीम नहीं थी जिसने अंगुलियों की मदद से गेंद घुमाने वाले दो स्पिनरों को एक साथ मैदान पर उतारा हो। सिर्फ भारतीय टीम में अश्विन और जडेजा के रूप में ये देखने को मिला। दोनों ने टूर्नामेंट में उम्मीद मुताबिक प्रदर्शन नहीं किया। द्रविड़ ने साफ शब्दों में कहा कि इंग्लैंड की सपाट पिचों पर अंगुलियों से गेंद घुमाने वाले स्पिनरों से कलाई से गेंदबाजी करने वाले व रहस्यमयी गेंदबाज ज्यादा बेहतर साबित होते। कुलदीप को जरिया बनाते हुए द्रवि़ड़ का ये निशाना सिर्फ चयन समिति की ओर नहीं था बल्कि कप्तान विराट की ओर भी था जो कप्तान के रूप में चयन के दौरान अहम भूमिका निभाते हैं।

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