दिल्ली में डेंगू के 43 ‘हॉट स्पॉट’ चिन्हित, अब तब मामलों की संख्या बढ़कर 2115 हुई
एमसीडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इन “हॉट स्पॉट” पर आगे प्रसार को रोकने के लिए कई कदम उठाए गए हैं, जिसमें घरेलू प्रजनन जांच कार्य में तेजी, एंटी-लार्वा कार्य में तेजी, स्प्रे और फॉगिंग और आईईसी गतिविधियों में तेजी शामिल है।
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में डेंगू से दो और व्यक्तियों की मौत हो गई है, जबकि इस साल डेंगू के मामलों की संख्या बढ़कर 2,115 हो गयी है। यह जानकारी आधिकारिक आंकड़े से मिली। सितंबर में, दिल्ली में इस साल डेंगू से पहली मौत हुई, जब आठ सितंबर को लोक नायक अस्पताल में 54 वर्षीय एक व्यक्ति की वायरस के कारण मौत हो गई। नाम गुप्त रखने की शर्त पर एक निकाय अधिकारी ने बताया कि दो व्यक्तियों की मौत सफदरजंग अस्पताल और पश्चिमी दिल्ली के पंजाबी बाग में महाराजा अग्रसेन अस्पताल में हुई है। हालांकि, अधिकारी ने यह नहीं बताया कि मौतें कब हुईं और मृतकों के बारे में अन्य विवरण क्या हैं।
राजधानी में एमसीडी की साप्ताहिक रिपोर्ट में इन मौतों की जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, इस साल अब तक राजधानी में डेंगू से कुल तीन मौतें हुई हैं। पिछले साल, दिल्ली में डेंगू से 19 मौतें हुई थीं। दिल्ली में 29 सितंबर से 5 अक्टूबर के बीच सात दिनों की अवधि में, डेंगू के 485 और मामले सामने आए। इस अवधि के दौरान सबसे अधिक मामले नजफगढ़ जोन और उसके बाद दक्षिण दिल्ली जोन में दर्ज किए गए।
पिछले महीने, दिल्ली में डेंगू के 1052 मामले सामने आए थे, जो इस साल अब तक किसी भी महीने में सबसे अधिक है। पिछले सप्ताह 29 सितंबर से अक्टूबर तक मलेरिया के मामलों में भी बढ़ोतरी हुई है, जिसमें 81 मामलों की वृद्धि दर्ज की गई। इस साल मलेरिया के कुल मामलों की संख्या पिछले साल के रिकॉर्ड को पार कर गई है, जिसमें 5 अक्टूबर तक मलेरिया के 511 मामले दर्ज किए गए हैं। पिछले साल दिल्ली में मलेरिया के 426 मामले सामने आए थे। इसी तरह, चिकनगुनिया के मामलों की संख्या भी बढ़ गई है, जो 5 अक्टूबर तक 69 थी, जबकि 2023 में पूरे वर्ष में इसके 65 मामले सामने आये थे।
एमसीडी के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग ने अब तक शहर में 43 हॉटस्पॉट की पहचान की है, जहां डेंगू के मामलों के समूह देखे गए हैं। हालांकि, विभाग के अधिकारियों ने कहा कि “अज्ञात मामलों” का एक बड़ा हिस्सा, जहां डेंगू के मरीजों का पता अधूरा या गलत है, डेंगू की लड़ाई के लिए चुनौती बना हुआ है।
एमसीडी की साप्ताहिक वेक्टर जनित रोग रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में अब तक 2,115 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 2,010 संक्रमण एमसीडी के अधिकार क्षेत्र के क्षेत्रों में, 26 मामले एनडीएमसी क्षेत्रों में, 66 दिल्ली छावनी में और 13 रेलवे से थे।रिपोर्ट में अतिरिक्त 162 मामलों का भी उल्लेख किया गया है, जहां मरीज दूसरे राज्य में संक्रमित हुआ था। 1,071 अज्ञात मामलों में से 878 मामलों में अधूरे या गलत पते दिए गए थे, जबकि अन्य 193 मामलों में पता तो पता चल गया, लेकिन वह गलत पाया गया। एमसीडी की रिपोर्ट में इन आंकड़ों को दिल्ली के कुल संक्रमणों में नहीं जोड़ा गया है।
एक नगर निगम अधिकारी ने कहा कि “अज्ञात मामलों” की समस्या मच्छर जनित बीमारी के खिलाफ लड़ाई में बाधा बनती है, जो 14 अक्टूबर 2021 को दिल्ली सरकार द्वारा जारी अधिसूचना आदेशों के उद्देश्य को विफल करती है, जिसमें महामारी रोग अधिनियम के तहत शहर में इस बीमारी को “सूचित रोग” घोषित किया गया था। अधिसूचना में स्वास्थ्य सेवा संस्थानों के लिए शहर में निगरानी में सुधार के लिए स्वास्थ्य विभाग को डेंगू की सूचना देना अनिवार्य कर दिया गया है।
सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि रिपोर्ट किए गए मामलों के समूह का मतलब है कि क्षेत्र को “हॉट स्पॉट” के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है, जहां बेहतर निगरानी और मच्छर रोधी अभियान चलाए जाते हैं। एमसीडी ने अब तक शहर में 43 हॉटस्पॉट की पहचान की है।
एमसीडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इन “हॉट स्पॉट” पर आगे प्रसार को रोकने के लिए कई कदम उठाए गए हैं, जिसमें घरेलू प्रजनन जांच कार्य में तेजी, एंटी-लार्वा कार्य में तेजी, स्प्रे और फॉगिंग और आईईसी गतिविधियों में तेजी शामिल है।